आज हम अपने इस आर्टिकल के जरिये हिन्दुओ के पवित्र त्योहार महाशिवरात्रि(#Mahashivratri) के बारे में और अघोरी(#Aghori) कौन होते है और महाशिवरात्रि की इनके लिए क्या महत्वता है |सबसे पहले जाने महाशिवरात्रि के बारे में जो कि हिंदुओं का एक पवित्र धार्मिक त्योहार है जो फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है ।
पौराणिक कथाओं के अनुसार महा शिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि में भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे,तभी पहली बार भगवान विष्णु और ब्रह्माजी द्वारा उनके इस रूप की पूजा की गई थी और इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था । साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है |
आईये अब जाने अघोरियो के बारे में जैसा कि हम सभी जानते है कि अघोरी हमेशा से ही आम लोगों की जिज्ञासा का विषय रहे हैं।
अघोरियों(Aghori) का जीवन जितना कठिन है, उतना ही रहस्यमयी भी। अघोरी उसे कहते हैं जो बहुत सरल और सहज हो। जिसके मन में कोई भेदभाव नहीं हो। वे सड़ते जीव के मांस को भी उतना ही स्वाद लेकर खाते हैं, जितना स्वादिष्ट पकवानों को स्वाद लेकर खाया जाता है।वो आम जीवन में लोगो के सामने नही आते है और महाशिवरात्रि(Mahashivratri) और कुम्भ मेले(#KumbhFestival) के समय ही आम लोगो को दिखाई देते है |
अघोरियो के लिए शिवरात्रि एक बहुत ही पावन पर्व है जिसमे वो अपने आराध्य भगवान शिव(#LordShiva) की विशेष पूजा अर्चना करके उनसे अपने लिए आशीर्वाद और शक्ति मांगते है |
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