बिलासपुर-शालीमार-कुर्ला एक्सप्रेस से यात्री सोने व हीरे के गहने और 10 हजार नकद समेत एक लाख 38 हजार का सामान चोरी हो गया। चोरों ने इस घटना को उस समय अंजाम दिया जब यात्री नींद में थी। बिलासपुर पहुंचने के बाद यात्री ने घटना की रिपोर्ट लिखाई। चोरी राउरकेला-झारसुगुड़ा के बीच होने के कारण जीआरपी ने शून्य में अपराध दर्ज किया है। जल्द केस डायरी संबंधित जीआरपी को भेजी जाएगी।
जीआरपी के अनुसार घटना बुधवार की रात दो बजे की है। दरभंगा बिहार निवासी राहुल कुमार झा पिता सत्यनारायण झा (26) इस ट्रेन में टाटा से बिलासपुर के लिए पत्नी के साथ सफर कर रहे थे। उनका रिजर्वेशन एस-7 के 52 नंबर बर्थ पर था। रात में भोजन करने के बाद दोनों अपनी-अपनी बर्थ पर सो गए। यात्री की पत्नी लेडिस पर्स रखी थी। इसके अंदर एक छोटा पर्स था जिसमें 10 हजार रू नकद, 10 ग्राम सोने का मंगलसूत्र, सोने की अंगूठी, नथ व हीरे की अंगूठी, तीन मोबाइल, एटीएम, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस समेत अन्य जरूरी सामान थे। कीमती सामान होने के कारण वह पर्स को सिरहाने में रखकर सोई थी। इसी गहरी नींद का फायदा उठाकर चोर कोच में घुसा और बेखौफ छोट पर्स को निकालकर रफूचक्कर हो गया। झारसुगुड़ा से ट्रेन छूटने केबाद यात्री की आंख खुली। इस बीच यात्री ने सबसे पहले पर्स को खोलकर देखा। पर छोटा पर्स गायब था।
महिला ने तत्काल इसकी जानकारी पति को दी। देखते ही देखते हुए कोच में चोरी की इस घटना से हड़कंप मच गया। यात्री ने इसकी जानकारी टीटीई को दी। हालांकि इससे कोई मदद नहीं मिल पाई। टीटीई ने हमेशा की तरह इस मामले की रिपोर्ट जीआरपी थाने में लिखाने का सुझाव दिया। लेकिन उन्होंने बीच रास्ते में यात्रा करने के बजाय बिलासपुर पहुंचकर एफआइआर कराने का निर्णय लिया।
अक्सर देखने में आया है कि चोर यात्रियों की नीदं में होने का फायदा उठाकर उनका कीमती सामना पर कर देते हैं। इस तरह का प्रकरण सालों से ट्रेनों में देखने को मिल रहा है लेकिन अबतक ऐसे गिरोह को पकड़ने में न आरपीएफ को सफलता मिल रही है और न जीआरपी के हाथ हा रहे हैं। इससे लोगों की सफर असुरक्षित होने लगी है।